रिपोर्ट:- मुकेश ओझा
जाति, धर्म और क्षेत्रवाद से ऊपर उठकर राष्ट्रवाद के समर्थन में अपना मत प्रयोग करना होगा – डा विपिन चंद्र पाठक / राम भारत के प्राण तत्व हैं, राम राज्य की संकल्पना को साकार करना होगा – डा विपिन चंद्र पाठक
अखिल भारतीय साहित्य परिषद चित्तौड़ इकाई की बैठक संघ कार्यालय पर आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता अखिल भारतीय साहित्य परिषद राजस्थान के संगठन मंत्री डॉ विपिन चंद्र पाठक ने किया। डॉ पाठक ने अपने उद्बोधन में कहा कि राष्ट्र यज्ञ में अपनी आहुति देने का महत्वपूर्ण समय आ गया है। अखिल भारतीय साहित्य परिषद देश भर में मत परिष्कार हेतु अभियान चल रहा है। जनमत को राष्ट्रहित में मतदान करने हेतु प्रेरित किया जा रहा है । हमारा मत सनातन संस्कृति के संरक्षण हेतु, हमारा मत राष्ट्रवादी विचार को आगे बढ़ाने हेतु, राष्ट्र प्रथम के भाव के जागरण हेतु, हमारा मत भारत को विश्व गुरु के पद पर आसीन करने हेतु सुनिश्चित किया जाना चाहिए। हमारा मत जाति, धर्म और क्षेत्रवाद से ऊपर उठकर राष्ट्रवाद हेतु किया जाना चाहिए। हमारा मत कश्मीर से धारा 370 खत्म करने के समर्थन में, हमारा मत संपूर्ण देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड एक देश एक कानून लागू करने के समर्थन में, हमारा मत अयोध्या में भव्य राम मंदिर की स्थापना करने वालों के समर्थन में जाना चाहिए। राम भारत के प्राण तत्व हैं। राम भारत को उत्तर से दक्षिण तक जोड़ने वाले योजक हैं। राम ऊँच और नीच की दीवार को तोड़ने वाले तत्व हैं। राम भारत के आदर्श है। इसी कारण हर काल में विद्वानों द्वारा राम राज्य की स्थापना की बात कही गई। संपूर्ण विश्व में राजनीतिक उथल-पुथल हो रही है। ऐसी स्थिति में संपूर्ण विश्व भारत की तरफ आशा भरी नजरों से देख रहा है। आज भारत में एक मजबूत राष्ट्रवादी सरकार की नितांत आवश्यकता है जो अपने दुश्मनों को घर में घुसकर मारने की क्षमता भी रखता है और दुनिया को संकट की स्थिति में निःशुल्क दवा और अनाज उपलब्ध करवाने की क्षमता भी रखता है। साथ ही दुनिया की धुर विरोधी ताकतों अमेरिका और रूस को एक साथ साधने की काबिलियत भी रखता है। धन्यवाद ज्ञापन जिला संयोजक बृजेश कुमार राठौर ने किया। कल्याण मंत्र प्रांत कोषाध्यक्ष पंकज कुमार झा ने करवाया। इस अवसर पर चित्तौड़ इकाई के सचिव राधा कृष्णा साहू, बृजेश कुमार राठौर, माया साहू कांति चंद्र शर्मा, सुनील बाटू, शिखा झा आदि प्रमुख कार्यकर्ता उपस्थित रहे।